“महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र आजीवन लोगो के दिल में रहेंगे “। ….

बिहार के जहानाबाद से करीब 17 किलोमीटर दूर गोविंदपुर गांव के एक भूमिहार परिवार में महेंद्र प्रसाद का जन्म हुआ था। बिहार के देश के सबसे अमीर राज्यसभा सांसदों में से एक महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र नहीं रहे। अपनी काबिलियत के दम पे उन्होंने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया था , दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रविवार देर रात 12.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। करीब 4 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक थे। एक गरीब किसान के बेटे की अरबपति बनने की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। इन्होंने आज तक कभी राज्यसभा चुनाव नहीं हारा। चाहे पार्टी कोई हो, 1985 से वह लगातार राज्यसभा पहुंचते रहे हैं। तभी तो 2012 में JDU की तरफ से राज्यसभा के लिए चुने जाने पर एक इंटरव्यू में किंग ने कहा था, ‘अगर राज्यसभा में एक ही सीट खाली होती, तो भी मैं ही चुना जाता।’

बिहार के जहानाबाद से करीब 17 किलोमीटर दूर गोविंदपुर गांव के एक भूमिहार परिवार में महेंद्र प्रसाद का जन्म हुआ था। पिता वासुदेव सिंह साधारण किसान थे। बावजूद इसके उन्होंने महेंद्र को पटना कॉलेज से अर्थशास्त्र में BA करवाया। बताया जाता है कि इसके बाद उनकी नौकरी नहीं लगी तो वह गांव पहुंच गए। काफी परेशान थे। घर की माली हालत ठीक नहीं थी। तभी एक साधु मिला, जिसने उनको एक पुड़िया दी और कहा कि इसे नदी किनारे जाकर सपरिवार खा लेना। सारा दुख दूर भाग जाएगा। ग्रेजुएशन के बाद से बेरोजगारी झेल रहे महेंद्र को पता नहीं क्या सूझा, उन्होंने घर के लोगों को नदी किनारे ले जाकर पुड़िया दे दी और खुद भी खा लिया, इसमें परिवार के दो लोगों की मौत हो गई। यह घटना 1964 की है।
उनका कहना था की मर जाउंगा, लेकिन नौकरी नहीं करुंगा।

एक अखबार से बातचीत में महेंद्र प्रसाद के बचपन के मित्र रहे राजाराम शर्मा ने बताया था, ‘हादसे के बाद जब महेंद्र गांव छोड़कर गए तो उनके पास कुछ भी नहीं था, लेकिन जब लौटे तो किंग बनकर। वे एक छोटी दवा कंपनी में पहले साझेदार बने, फिर बाद में 1971 में 31 साल की उम्र में ही खुद की अपनी कंपनी बना ली।’
किंग की जिद के किस्सा बताते हुए शर्मा ने आगे बताया ‘ग्रेजुएशन के बाद मैं ओकरी हाई स्कूल में टीचर बन गया था। अपने मित्र महेंद्र प्रसाद को बेरोजगार देखकर कहा कि आप भी शिक्षक बन जाइए। महेंद्र ने उस प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया कि मर जाना पसंद करूंगा, पर नौकरी नहीं करूंगा।’
वह बहुत ही प्रतिष्ठित व्यक्ति थे |
एक साल में की थी 84 देशों की यात्रा

बताया जाता है कि अप्रैल 2002 और अप्रैल 2003 के बीच प्रसाद ने 84 देशों की यात्रा की। वह काफी घुमक्कड़ प्रवृति के थी थे। इसकी चर्चा कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने करीबियों से बातचीत के दौरान कर चुके हैं।
कोर्ट में चल रहा संपत्ति विवाद का मामला

किंग के संपत्ति विवाद का मामला दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है। उनके घरेलू और संपत्ति विवाद को सुलझाने के लिए कोर्ट ने गार्जियनशिप कमेटी बनाई है। इसमें किंग महेंद्र पत्नी (सतुला देवी), बड़ा बेटा (राजीव शर्मा) व भाई (उमेश शर्मा) थे। कोर्ट ने फिलहाल तीन साल के लिए यह व्यवस्था बनाई है।
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News4public के लिए PAYAL Arora की रिपोर्ट :-


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