राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ लेने के लिए अब लाभुक बालिकाओं को जन्म प्रमाणपत्र देना अनिवार्य नहीं होगा। अधिक से अधिक बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए यह निर्णय लिया गया है।
गुरुवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगी। इसमें यह भी निर्णय लिया गया कि विवाह योग्य निर्धारित न्यूनतम कानूनी आयु के पूर्व लाभुक का विवाह होने पर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही बालिका के माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में बालिका के पालक माता-पिता या अभिभावक के संबंधित कागजात मान्य होंगे।
माता-पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र संलग्न करना आवश्यकइस स्थिति में माता-पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र की छायाप्रति आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक होगा। पहले माता-पिता की मृत्यु की स्थिति में बाल कल्याण समिति द्वारा जारी अनाथ बालिकाओं के लिए प्रमाणपत्र की छायाप्रति संलग्न करना अनिवार्य किया गया था। अब यह शर्त हटा ली गई है।