भोपाल से 14 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक धरोहर को समेटे है खूबसूरत गांव इस्लामनगर.. इस्लामनगर में 17वीं शताब्दी में बने किले को देखने यहां देश-दुनिया के लोग पहुंचते हैं.
इस्लामनगर अब जगदीशपुर नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने गांव का नाम जगदीशपुर करने की हरी झंडी दे दी है। राज्य सरकार ने भी बुधवार को नोटिफिकेशन जारी कर गांव का नाम बदलकर जगदीशपुर कर दिया है।
इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर होने से कई तरह की प्रतिक्रियाये आ रही जहाँ कुछ लोग इसके समर्थन में दिख रहे हैं तो कुछ इसके विरोध में भी दिख रहे हैं.

जगदीशपुर से इस्लाम नगर बनने की रोंगटे खड़ी करने वाली कहानी है। औरंगजेब की सेना के भगोड़े सैनिक दोस्त मोहम्मद खान ने 308 साल पहले इसका नाम इस्लाम नगर किया था.
दोस्त मोहम्मद अफगानिस्तान के खैबर के तीराह का रहने वाला था। 1696 में वह उत्तर प्रदेश के जलालाबाद आ गया। वह इतना क्रोधी स्वभाव का था कि छोटी सी बात पर हुए झगड़े में उसे ही शरण देने वाले अमीर जलाल खान के दामाद को सरेआम मार डाला.

वहां से भागकर वह करनाल और फिर दिल्ली चला गया। यहां मुगल सेना में भर्ती हो गया।मुगल और मराठा युद्ध के चलते दोस्त मोहम्मद 1703 में मालवा आ गया। यहां उसने अपने हथियार आदि विदिशा के शासक मोहम्मद फारूख के पास जमा कर दिए और मामूली झगड़े के बाद उसकी भी हत्या कर दी।

इस्लाम नगर अब जगदीशपुर में परमारों के उपरांत यह क्षेत्र गढ़ा-मंडला जबलपुर के गोंड राजा संग्राम शाह के बावन गढ़ों में से एक था, इसलिए यहां पर एक गोंड महल भी है। गोंड शासन के बाद यह गढ़ और किला देवड़ा राजपूतों के अधीन रहा।