देश में अगर Sand Art की बात होती है तो जेहन में सबसे पहले एक ही नाम सामने आता है सुदर्शन पटनायक
अपनी कलाकृति के लिए पूरी दुनिया में लोकप्रिय है सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक अब तक अब तक अपना नाम गिनीज बुक में भी नाम दर्ज करवा चुके
क्रिसमस के अवसर पर प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने शनिवार (25 दिसंबर, 2021) को पुरी (ओडिशा) के एक समुद्र तट पर सांता क्लॉज की 50 फीट लंबी और 28 फीट चौड़ी रेत की मूर्ति बनाई। पद्म श्री पुरस्कार विजेता ने रेत कला की तस्वीरें साझा की और बताया कि उन्होंने लगभग 5,400 लाल गुलाबों का इस्तेमाल किया। “उम्मीद है कि यह एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाएगा,”
वर्तमान समय में अगर Sand Art की बात होती है तो सुदर्शन पटनायक (Sudarsan Pattnaik) का नाम सबसे पहले लिया जाता है | सुदर्शन पटनायक (Sudarsan Pattnaik) अपने देश के जाने माने Sand Artist है | उनकी बनाई Art को देखने के देश-दुनिया से लोग पहुचते है | कई खास मौको पर उनके द्वारा बनाये गये Art ने पुरी दुनिया में रिकॉर्ड कायम किया है |

सुदर्शन पटनायक (Sudarsan Pattnaik )का जन्म 15 अप्रैल 1977 को ओडिशा के पुरी जिले में हुआ था | बचपन में जब सुदर्शन के दोस्त पेन और पेन्सिल का इस्तेमाल करते हुए चित्रकला करते थे तब सुदर्शन पुरी के समुद्र समुद्र के किनारे रेत के उपर दुःख को कला के जरिये पेश करने की कोशिश करते थे | उनका बचपन काफी संघर्षपूर्ण रहा | घर में खाने के लिए राशन नही होता था |सुदर्शन की दादी ने बड़ी कठिन परिस्थीतीयो में उन्हें पाला-पोसा |
आर्थिक तंगी की वजह से सुदर्शन ज्यादा नही पढ़ पाए | छठी कक्षा में ही उनका स्कूल छुट गया | घर की हालत इतनी खराब थी कि सुदर्शन को आठ साल की उम्र में ही दुसरो के घरो पर काम करना पड़ा | हालांकि इस दौरान उनका सपना उनके साथ होता था | वे एक बड़ा चित्रकार बनाना चाहते थे लेकिन गरीबी के कारण चित्रकला में इस्तेमाल होने वाला सामान खरीदना उनके वश में नही था | यही कारण था कि वे पुरी की समुद्र तट पर पहुचकर अपनी चित्रकला कौशल को निखारते थे |

सुदर्शन पटनायक (Sudarsan Pattnaik) की कला की देश से ज्यादा विदेश में सराहना हुयी | वर्ष 1995 में पहली बार रेत चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उन्हें अमेरिका से न्योता आया लेकिन Visa नही मिलने की वजह से वहां नही जा पाए | हाथ से मौका चला गया लेकिन सुदर्शन हार नही मानने वाले थे | वे धीरे धीरे अपने काम में लगे रहे और धीरे धीरे दुसरे देशो से उन्हें निमंत्रण आने लगा |
सुदर्शन (Sudarsan Pattnaik) को अब तक कई पुरुस्कार मिल चुके है | वर्ष 2014 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चूका है | सुदर्शन के Sand Art कई बार Limca Book of World Records में अपना नाम दर्ज करा चुके है | सुदर्शन कई बार Sand Art के जरिये समाज में जागरूकता फैलाने का सामाजिक कार्य भी कररहे है | दुनिया में शान्ति को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अपनी कला का इस्तेमाल किया |
सुदर्शन पटनायक (Sudarsan Pattnaik) को मिले पुरुस्कार
वर्ष 2014 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री
वर्ष 2012 में ओडिशा की बरहामपुर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि
वर्ष 2012 में नासिक के कुसुमाग्रज विश्वविद्यालय से गोदावरी पुरुस्कार
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा उडीसा के पुरी बीच पर सम्मानित
वर्ष 2010 में CNN द्वारा Young Indian Leadership Award
लिम्का बुक के 20वे संस्करण के अवसर पर People of the Year 2009
वर्ष 2008 में ओडिशा राज्य सरकार द्वारा सरला पुरुस्कार
5 बार लिम्का बुक में नाम दर्ज
भारत पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2005-06 में National Tourism Award
वर्ष 2006 में श्रीलंका मानवाधिकार संस्था से Excellency Award 2006
वर्ष 2004-05 में भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय से पटना में National Youth Award
वर्ष 2001 में कोलकाता में भारत ज्योति पुरुस्कार
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा भुवनेश्वर सर्किल में Award of Excellence
वर्ष 2014 में अटलांटिक सिटी में Sand Sculpting World Cup में People’s Choice Award
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News4public के लिए Jyoti Yadav की रिपोर्ट :-


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