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Saturday, September 30, 2023

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 गेहूं-चाय के बाद स्वदेशी वैक्सीन के निर्यात पर भी संकट, पराग्वे कॉन्ट्रैक्ट तोड़ने की तैयारी में

NEWS 4 PUBLIC DESK:-गेहूं और चाय के बाद भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर भी संकट में है। पराग्वे ने कोवैक्सिन की 10 लाख डोज खरीदने के लिए भारत बायोटेक के साथ करार किया था। लेकिन अब उनसे इस कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने का फैसला किया है। भारत को यह कॉन्ट्रैक्ट ताइवान की मदद से मिला था।

गेहूं और चाय के बाद अब भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दक्षिण अमेरिकी देश पराग्वे ने कोवैक्सिन की दस लाख डोज खरीदने के लिए भारत बायोटेक के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था। लेकिन खराब क्वालिटी का हवाला देते हुए पराग्वे ने इस कॉन्ट्रैक्ट को कैंसल की प्रक्रिया शुरू कर दी है। भारत को यह कॉन्ट्रैक्ट ताइवान की मदद से मिला था जिसके पराग्वे के साथ अच्छे रिश्ते हैं। इस कारण पराग्वे ने चीन के बजाय भारत से वैक्सीन मंगाई थी लेकिन अब यह कॉन्ट्रैक्ट भारत के हाथ से जाने वाला है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक पराग्वे ने कोवैक्सिन खरीदने के लिए हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था। लेकिन खराब क्वालिटी के कारण अब उनसे इस कॉन्ट्रैक्ट को कैंसल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पराग्वे के हेल्थ मिनिस्टर जूलियो बोर्बा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने एबीसी न्यूज चैनल को बताया कि पराग्वे की सरकार कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ने जा रही है। इस वैक्सीन को लेकर समस्या है और हमने कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का फैसला किया है।

इस बारे में भारत बायोटेक ने कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन एक अप्रैल को जारी एक बयान का हवाला दिया। उस बयान में कहा गया था कि उनसे सप्लाई के सारे कॉन्ट्रैक्ट पूरे कर लिए हैं और वह उत्पादन घटा रही है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि कंपनी ने वैक्सीन का निर्यात बंद कर दिया है। एक सूत्र ने कहा, ‘कंपनी अभी कोई एक्सपोर्ट नहीं कर रही है। सारे पेंडिंग ऑर्डर ऑटोमैटिकली खत्म हो गए हैं।’ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोवैक्सिन को अपने प्लेटफॉर्म से निकाल दिया था। इससे पहले पिछले साल ब्राजील ने भी भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण कोवैक्सिन के साथ 32.4 करोड़ डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था।

इससे पहले भारतीय गेहूं और चाय पर भी विदेशों में सवाल उठे थे। भारत में चाय का उत्पादन तो खूब होता है, लेकिन साथ ही कीटनाशकों और रसायनों का भी खूब इस्तेमाल होता है। इस कारण विदेशों में भारत की चाय पर सवाल उठा रहे हैं। भारत की चाय की खेप को लौटाया जा रहा है। श्रीलंका में आए आर्थिक संकट के बाद भारत के पास चाय उद्योग के जरिए इंटरनेशनल मार्केट में पकड़ बनाने का मौका था, लेकिन वह मौका हाथ से निकलता जा रहा है। हाल में तुर्की ने भारत के गेहूं की खेप को खारिज करते हुए लौटा दिया था। तुर्की ने भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस होने की बात कही थी और उसकी खेप को वापस लौटा दिया था।

News4public के लिए Anuj Kumar की रिपोर्ट

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