सालो से लोगो को धालभूमगढ़ में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के बनने का इंतज़ार था, उस पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। केंद्र सरकार ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को बंद करने का निर्णय लिया है.
यह जानकारी राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी है। सिंहभूम चैंबर की मांग पर रास उपसभापति ने पत्र लिखकर धालभूमगढ़ एयरपोर्ट पर वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी थी।
केंद्रीय मंत्री ने उपसभापति को जो लिखित जानकारी दी, उसमें कहा गया है कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट लिमिटेड को 21 जून 2019 को झारखंड में हवाई अड्डे के विकास के लिए संयुक्त उद्यम कंपनी के रूप में बनाया गया था। इसके लिए राज्य सरकार को हवाई अड्डे के विकास के लिए भारतीय विमान प्राधिकरण को सभी भार मुक्त भूमि उपलब्ध करानी थी.
पर्यावरण मूल्यांकन समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रस्तावित स्थल जंगल में पड़ता है, जो बड़ी संख्या में हाथियों का निवास स्थान है। यह हाथी गलियारे (एलीफैंट कॉरिडोर) के रूप में जाना जाता है। समिति प्रस्तावित स्थल से सहमत नहीं थी और परियोजना के प्रस्तावक को एक वैकल्पिक स्थल का पता लगाने के लिए कहा था